सर्वत्र

सबका हो कल्याण सदा यह विचार करे ‘सर्वत्र’ सबका साथ मिले एक साथ मांगे इतना ही ‘सर्वत्र’ दीन-दुखियों की पीड़ा समजे साथ तेरे मिलकर ‘सर्वत्र’ बांटे शिक्षा अन्न वस्त्र सबके साथ मिलकर ‘सर्वत्र’ चल गाँव-गाँव गली-गली मुश्किलें हो आसान ‘सर्वत्र’ भाई-बहन बच्चे-बुज़ुर्ग भी पा सके सहाय ‘सर्वत्र’ करे विकास बांटे अब खुशियाँ नई उम्मीद जगाये … Continue reading सर्वत्र